दिल में उड़ता है ज्वालामुखी ,
जब देखता हूँ मंत्री दोमुखी ...
जब आते है वो वोट मांगने,
कैसे हाथ जोड़ते है वो ,जैसे भीख माँग रहे ...
जब खुलता है एक के बाद एक स्कैम का पत्ता,
तब दिखती है,मंत्रियो की कमाई की सत्ता ....
आम आदमी का कठोर जीवन को समजना आसान नहीं ,
सरकार चुनी है हमने,उनका कोई एहसान नहीं ...
है मुझे हक़,इन भ्रष्ट नेताओ का विरोध करने का ,
है मुझे अधिकार,इन क्रूर नेताओ का साम्राज्य हिलाने का ....
है मेरी चुनोती उन मंत्रियो को,बेच दिया उन्होंने खुद को ,
ना सुनी उन्होंने विनती भारत माँ की ,ना बेचने दूंगा तुम्हे भारत माता को ....
करते है सभी जवान लोग ,अंग्रेजो का आचरण,
अंग्रेज तो कभी नहीं हुए ,मंत्रियो के हाथो मजबूर...
समय है,उठ खड़े हो,जवाब दो ,जिम्मेदारी लो,,,,
नहीं बिकने दूंगा मै, अपनी भारत माँ को ...
है मेरा वचन लडूंगा मै अपनी आखरी साँसों तक...
अगर है दम तुझ में तो मेरे संग..
न रोक सकेगा हमहें ज़मीन,न हिम्मत उस आसमान में ..
जय हिंद जय भारत ......वन्दे मातरम--------
कवि 'नव युवक राघव 'भगत सिंह ''